भारत सरकार ने हाल ही में इलेक्ट्रिक वाहन बाजार के लिए एक बहुत ही बड़ी पॉलिसी को जारी किया है जिसके मुताबिक कोई भी विदेशी मैन्युफैक्चर 4150 करोड रुपए की मिनिमम निवेश के साथ भारत में अपनी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट स्थापित कर सकता है और इस पर कोई अप्पर लिमिट नहीं है।
लेकिन यहां पर एक छुपी हुई रणनीति है जिसके मुताबिक जो भी कंपनियां इस पॉलिसी के तहत भारत में अपनी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाएगी उन्हें 3 साल के अंदर अपनी मैन्युफैक्चरिंग शुरू करनी होगी साथ ही कमर्शियल प्रोडक्शन भी इलेक्ट्रिक वालों का चालू करना होगा और अगर यह वह यह करने में संभव रहती है तो उन्हें बाहर से लिमिटेड गाड़ियां आयात करने पर कस्टमर ड्यूटी पर एक बहुत बड़ी छूट मिलेगी।
इस पॉलिसी के तहत अगर किसी गाड़ी की कीमत 35000 अमेरिकी डॉलर यानी लगभग 29 Lakh रुपए से अधिक है तो उन्हें 5 साल के लिए 15% कस्टम ड्यूटी पर छूट मिलेगी मगर यह तभी संभव होगा जब मैन्युफैक्चरर अपनी फैसिलिटी को भारत में 3 साल के अंदर सेट कर पाएगा साथ ही एक और कंडीशन है जिसके अनुसार मैन्युफैक्चरर को 3 साल में 25% लोकल सेल्स तथा 5 साल तक 50% लोकलाइजेशन करने पर ही यह कस्टम ड्यूटी पर छुटकारा दिया जाएगा।
और यह है एक अमेरिकी कंपनी टेस्ला इलेक्ट्रिक के लिए बहुत ही बड़ी बात हो सकती है क्योंकि वह लगातार भारत को इंपोर्ट ड्यूटी काम करने के लिए मनाते आ रही है इससे भारत में मेड इन इंडिया को बढ़ावा मिलेगा साथ ही भारत के लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे।
इस नई इलेक्ट्रिक वाहन मैन्युफैक्चरिंग पॉलिसी के तहत अगर कोई कंपनी 800 मिलियन डॉलर यानी लगभग 66000 करोड रुपए का भारत में निवेश करती है तो उसे 8000 प्रति वर्ष या 40000 मैक्सिमम इलेक्ट्रिक वाहन आयात करने की अनुमति होगी साथ ही इलेक्ट्रिक वाहनों का आयात 6484 करोड़ या फिर कितना इन्वेस्टमेंट हुआ है उतने तक ही लिमिट किया जा रहा है।
भारत सरकार ने अपनी स्टेटमेंट में कहा है कि “यह भारतीय उपभोक्ताओं को नवीनतम तकनीक तक पहुंच प्रदान करेगा, मेक इन इंडिया पहल को बढ़ावा देगा, और ईवी खिलाड़ियों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देकर ईवी पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करेगा, जिससे उच्च मात्रा में उत्पादन, पैमाने की अर्थव्यवस्थाएं, उत्पादन की कम लागत होगी। कच्चे तेल के आयात को कम करें, व्यापार घाटा कम करें, वायु प्रदूषण कम करें, विशेषकर शहरों में, और स्वास्थ्य और पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा“
आपको इस इलेक्ट्रिक वाहन पॉलिसी से क्या अपेक्षाएं हैं हमें कमेंट सेक्शन में बताना ना भूले।